इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि 21वीं सदी में विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है कि स्त्री-पुरुष की प्रजनन क्षमता का पता लगाया जा सके। लेकिन कुछ लोग अभी भी पाषाण युग में जी रहे हैं जो परिवार की दिक्कतें दूर करने के लिए...
source https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/allahabad/21st-century-instead-of-science-belief-in-tantric-activity-is-the-thinking-2023-04-14
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