शौहर अतीक, देवर अशरफ और बेटे असद की हत्या के बावजूद शाइस्ता का कुछ पता नहीं। घर की तीन-तीन लाशें उठीं, लेकिन वह किसी के जनाजे में शामिल होने नहीं पहुंची। सवाल यह है कि दुखों का पहाड़ टूट पड़ने के बावजूद शाइस्ता आखिर छुपी कैसे रह सकती है।
source https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/allahabad/shaista-was-hiding-only-to-save-thousands-of-crores-of-black-money-2023-04-18
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